नव वर्ष ?
नववर्ष के बारे में जो नहीं जानते वो अवश्य पढ़े नववर्ष हर धर्म का अलग होता है। ज्यादातर देश ईसाई धर्म के, मुस्लिम,बोद्ध, बहाई, हिन्दू धर्म, और अंत में पारसी को मानने वाले। ज्यादातर सभी देश में नव वर्ष का आगमन उनके धर्म के अनुसार ही मनाया जाता है।
2017 अंग्रेजी का नववर्ष हे और प्रायः सभी देशों में मनाया जाता है इसका एक सामान्य कारण शायद पुरे विश्व को एकसार बनाना ही था ताकि सभी देशों में समय, वार, दिनाँक, महीना, हर देश में एक ही हो जिससे कोई भ्रम ना हो, अच्छी बात है सब ने इसे राजकीय कार्यो के लिये अपनाया। पर किसी भी देश ने अपने धर्म के नववर्ष को अनदेखा नहीं किया।
ये आना वाला नया वर्ष 2017 अंग्रेजी हे? अर्थात ईसाई धर्म का नया साल।
मुस्लिम का नया साल होता है और वो हिजरी कहलाता है इस समय 1434 हिजरी चल रही है।
हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2073 चल रहा है।
इससे सिद्ध हो गया कि हिन्दू धर्म ही सबसे पुराना धर्म है बाकी धर्म हिन्दुयों ने ही बाद में अपनाये हे।
Before Christ, (BC) यानी ईसा से पहले
After Christ (AC) यानी ईसा के बाद
मतलब ईसा के बाद ईसाई धर्म और नया वर्ष आया परंतु BC जो अंग्रेजो ने ही दिया था। तो ईसा से पहले BC क्या था? जी हा उससे पहले विक्रम संवत था जो सम्राट विक्रमादित्य ने चलाया था भारत को एक सूत्र में लाने के लिए।
इस विक्रम संवत से 5000 साल पहले इस धरती पर भगवान विष्णु श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित हुए, उनसे पहले भगवान राम, और अन्य अवतार हुए यानी कहा हमारा हजारो वर्ष पुराना हमारा सनातन धर्म और हम मना रहे हे गढ़े मुर्दों का नया वर्ष ? जरा सोचिए....
सीधे सीधे शब्दों में हिन्दू धर्म ही सब धर्मों की जननी है , गुरुनानक जी, महावीर, गौतमबुद्ध, सब के पिता हिन्दू ही थे।
में किसी धर्म का विरोध नहीं कर रहा सबका सम्मान करता हूँ पर सभी हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध को बतलाना चाहता हु की इस इंग्लिश कलेण्डर के बदलने से हमारा वर्ष नहीं बदलता? हमारा कर्म अपने ही कलेण्डर से ही चलेगा क्योकि
जब आप पैदा हुए पंडित जी से पूछा बच्चा मूल में तो पैदा नहीं हुआ ? पंडित जी ने पत्रा देखा और बताया वो हिन्दू कैलेंडर था
मूल शांति हिन्दू पत्रे से हुई
नामकरण हिन्दू पत्रे से हुआ
मंगल दोष हिन्दू पत्रे से निकला
विवाह मिलान हिन्दू पत्रे से हुआ
विवाह हिन्दू पत्रे से हुआ
सारे व्रत त्यौहार हिन्दू पत्रे से
मरने की तेहरवीं भी हिन्दू पत्रे से आयी
मत्यु के समय पंडित जी से पंचक पूछा तो वो भी हिन्दू पत्रे से
मकान का उदघाटन, जन्मपत्री, विवाह योग्य, स्वास्थ्य रोग, और अन्य सभी समस्याएं का निराकरण हिन्दू कलेण्डर से ही होता है।
आप जानते है कि जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दोज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा, सभी विक्रमसंवत कलेण्डर से ही निर्धारित होते है इंग्लिश कलेण्डर में इनका कोई स्थान नहीं होता हे।
फिर आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कलेण्डर हे कहाँ ? आप अपने क्रिस्चियन ओर मुस्लिम मित्रो को नव वर्ष की शुभकामनाये अवश्य दे पर अपने सनातन धर्म के नव वर्ष को अवश्य मनाये । हिन्दू पंचांग के अनुसार नया वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरु होता है।
लेखक:- सुमित उपाध्याय
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