माँ बन्ने वाली एवं माँ बन्ने की इच्छुक बहने रखें ध्यान

by July 29, 2015 0 comments
आज सभी बहनो के लिए एक पते की बात। आप अगर माँ बन्ने वाली हैं या बन्ने की तैयारी में हैं। तो नीचे लिखी बातों का ध्यान रखें।




1. किसी प्रकार नशे का सेवन न करें, चाय काफी कम से कम बच्चा प्लान करने से पहले 1 साल छोड़ दें इससे शरीर में पानी की मात्रा कम होती है। जो की बच्चे और माँ के लिए दोनों के लिए हानिकारक है।
2. मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाना जरूरी होता है परंतु कसरत को लोग आज कल कुछ ऐसे समझते हैं की वही सब कुछ है और कुछ तो कुछ करते ही नहीं। तो आपको बतादें। जिम शरीर में लचक कम करके मांसपेशियों को जटिल बना देता है जिससे बच्चा पैदा करना मुश्किल होता है तकलीफ होती है । यही काम आपका कुछ न करना करता है जिससे मास्पर्शियाँ बिलकुल सुस्त हो जाती है और दर्द बर्दास्त नहीं कर पाती और फैट जम कर शरीर को ख़राब कर देती हैं। और करना क्या चाहिए तो वो है योग जो केवल किसी डिग्री होल्डर समझदार योगाचार्य के निगरानी में ही करें।
3 आपका खान पान आज कल की बहनो माताओं को चटपटा बहुत पसंद है और फ़ास्ट फ़ूड तो पूछो मत तो यह है सबसे बड़ा गंद जो खाया जाता है बचा और माँ का दुश्मन। कब्ज करेगा और बीमारियां लगेगीं। और जितने तीखा खाओगे उतना सेहत में कमज़ूरी और बचे का इम्यून सिस्टम उतना कम।
4 बचे को पैदा होने में तक्लीव। अगर आप सही से खाना पीना करेंगे और जो कुछ मना किया वो नहीं करेंगे तो आपकी बच्चे की डिलिवरी सामान्य होगी न की surgery से और बच्चा भी स्वस्थ होगा।
5 बच्चे को सतन पान ही करवाएं बहुत सी बहनो को होता है की इससे हमारी खूबसूरती कम हो जायेगी तो इसका भी हल है मेग्नेट थेरेपी और साथ ही साथ अच्छा पोषण एवम् आपका आहार। इससे आपकी सुंदरता को कोई नुक्सान नहीं होगा और बच्चे की इम्युनिटी भी सही रहेगी। और जितना हो सके एलॉपथी दवाओं का सेवन बंद ही करें। बच्चों के लिये तो एलॉपथी कभी न लें कम से कम सामान्य रोगों के लिए तो नहीं।
6 बच्चों को पिलाने वाले ors धयान दें यह है बीमारी का घर कहने को यह अमृत है पर इसमें डाला सेंथथिक कलर और पेस्टिसाइड जीवन को खराब करते हैं। फिर जवान हो या बच्चा।
7 बहाने खासकर धयान दें बच्चे को मिटटी में खेलने से न रोकें बस ध्यान रखें वो खाये न पर बच्चे को टीवी मोबाइल कंप्यूटर से दूर रखें। क्यों के यह सब बचे को समय से पहले मैच्योर कर देते हैं। और हम समझते हैं की बच्चा जयादा समझदार है परन्तु सावदान यह बीमारी है इससे बच्चों में उम्र से पहले योवन अवस्था आ जाती है और फलसवरूप छोटी उम्र मानसिक रोग , और नारी भक्षण जैसे बहुत से मानसिक रोग उत्त्पन्न होते हैं।
8 बच्चा प्लान होते ही सम्भोग क्रिया को विराम दें इससे डायरेक्टली कम परंतु इंडेरक्टली शिशु के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है जो विचार आपके मन में हैं वह सब शिशु के अंदर पॉजिटिव नेगेटिव एनर्जी बनाएंगे। और यही नहीं आपका बोल चाल आपका रहन सेहन सब शिशु पर प्रभाव डालता है। इसका भाव यह नहीं की आपके साथी को निराश करें आपका वात्सल्य भाव सदैव रहना चाहिए।
9 पीरियड्स में कभी भी किसी प्रकार का ऐसा कोई काम न करें जिसमे आपका नाभी के नीचे का भाग ऊपर उठे। यह आपके अन्दर ज़ेहर का संचार करता है। जिसे अनदेखे परिणाम मिलते हैं जो बाद में भयंकर दुष्परिणामों का लेखा ले आता है।


Vibudhah

Writers:- Rajan Pushkarna, Viney Pushkarna, Pooja Pushkarna, Vibudhah Office

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