पीरियड के दिनों में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या को 'मेनोरेजिया' कहा जाता है। दुनियाभर में 35 वर्ष से अधिक उम्र की एक तिहाई से अधिक महिलाएं मेनोरेजिया से पीड़ित हैं। इस समस्या के इलाज के अधिकतर मामलों में गर्भाशय को महिलाओं के शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। गर्भाशय को बाहर निकाले जाने की प्रक्रिया को हिस्टेरेक्टोमी कहा जाता है। आत्मानुशासित जीवन को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। बाह्य एवं आंतरिआजकल मेनोरेजिया के इलाज के लिए बगैर शल्य चिकित्सा वाले दूसरे विकल्प रुप में लेजर किरणों या इलेक्ट्रिक के झटकों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे एंडोमेट्रियल एब्लेशन तकनीक कहते हैं और इसके जरिए गर्भाशय के अंदर की सतह की झिल्ली, जिसे एंडोमेट्रियल कहा जाता है, उसे या तो नष्ट कर दिया जाता है या फिर इसे बाहर निकाल दिया जाता है। माहवारी के दिनों में यह झिल्ली बाहर निकल जाती है या फिर प्रसव के वक्त यह गर्भनाल के साथ बाहर निकल जाती है। एंडोमेट्रियल को नष्ट करने के लिए 'मिनिटच सिस्टम' के तहत एंडोमेट्रियल को बिजली का उपयोग कर जला दिया जाता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। इस प्रक्रिया में एक तीन मिलीमीटर चौड़े और 24 सेंटीमीटर लम्बे माइक्रोवेव ऊर्जा वाले उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। इसे योनि के अंदर डालकर 90 सेकेंड बाद बाहर निकाल दिया जाता है। इसी दौरान मेनोरेजिया का स्थायी इलाज हो जाता है। नब्बे सेकेंड के दौरान गर्भाशय की झिल्ली यानी एंडोमेट्रियल नष्ट हो जाती है।
Menorrhagia is an abnormally heavy and prolonged menstrual period at regular intervals. Menorrhagia can be caused by abnormal blood clotting, disruption of normal hormonal regulation of periods, or disorders of the endometrial lining of the uterus. Depending upon the cause, it may be associated with abnormally painful periods (dysmenorrhea).A normal menstrual cycle is 25–35 days in duration, with bleeding lasting an average of 5 days and total blood flow between 25 and 80 mL. A blood loss of greater than 80 ml or lasting longer than 7 days constitutes menorrhagia (also called hypermenorrhea). Some authors use menorrhagia exclusively when describing excessive quantity and hypermenorrhea for prolonged duration (although most use both terms interchangeably in the clinical setting). In practice this is not usually directly measured by patients or doctors. Menorrhagia also occurs at predictable and normal (usually about 28 days) intervals, distinguishing it from menometrorrhagia, which occurs at irregular and more frequent intervals. It is possible to estimate the amount of bleeding by the number of tampons or pads a woman uses during her period. As a guide a regular tampon fully soaked will hold about 5ml of blood. One may also have lighter cycles in volume, but blood flow may continue more than seven days thus constituting menorrhagia. An OB/GYN should still be consulted.
_____________ By Dr. Viney Pushkarna, PRANA Health
Vibudhah
Writers:- Rajan Pushkarna, Viney Pushkarna, Pooja Pushkarna, Vibudhah OfficeVibudhah Tabloid is maintained and designed by Founder and Co-Founder of Vibudhah Organization to provide the real facts and truth of life. Our Aim is to provide you best knowledge with authentic reference.
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