परिवार में प्रत्येक सदस्य कुछ गुणों का ज्ञाता होता है, यह गुण उसकी अपनी एक अलग पहिचान बनाते हैं। ऐसे सभी सदस्यों के गुणों के एक जुट हो कर परिवार बनता है। एक सदस्य चाहे व्यक्तित्व में गुणों का स्वामी होता है परन्तुं कुछ त्रुटियां एवं कमज़ोरियाँ भी होती है जिनको परिवार के और सदस्यों के गुण पूर्ण करते हैं। इस प्रकार प्रत्येक सदस्य अपने गुणों से परिवार को पूर्ण करता है। अतैव परिवार में किसी सदस्य को छोटा नहीं समझना चाहिए एक बालक भी कई गुणों का मालिक होता है। सबसे प्रेम करें सबको बराबर का मान सन्मान दें और विनम्रता एवं प्रेम से बात करें। एक प्रेम से वार्तालाप करने से परिवार में कितने भी विचार क्यों न हों आपसी प्रेम मान सन्मान बना रहेगा। वहीँ अगर आप किसी व्यक्ति को नीचा दिखाओगे तो वो व्यक्ति परिवार से अलग हो जायेगा जितना नुक्सान उसको होगा उतना ही आपको भी। बस आक्रोश में दोनों को दिखाई नहीं देगा। इस लिए प्रेम एवं विनम्र भाव से परिवार को पूर्ण बनाये रखें। विबुधः परिवार की योग एक संस्कार प्रस्तुति।
Vibudhah
Writers:- Rajan Pushkarna, Viney Pushkarna, Pooja Pushkarna, Vibudhah OfficeVibudhah Tabloid is maintained and designed by Founder and Co-Founder of Vibudhah Organization to provide the real facts and truth of life. Our Aim is to provide you best knowledge with authentic reference.
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