थायराइड की बीमारी थॉयरॉक्सिन हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है। इस हार्मोन की वजह से पूरे शरीर की कार्यप्रणाली बिगड़ जाती है। जिसके कारण शरीर में चिड़चिड़ापन , वजन का संतुलन बिगड़ जाना हो सकता है। इसके साथ ही शरीर में कमज़ोरी होना ,शरीर का ढीला पड़ जाना आदि शामिल हैं। परन्तु योग से थायराइड पर काबू पाया जा सकता है। इसके लिए आपको रोज़ाना योग करने की जरूरत होती है। आइये हम आपको कुछ योग आसन बताते हैं जिनसे आप थायराइड की बीमारी से बच सकते हैं :
विपरीत करणी मुद्रा आसन
सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जांय अपनी आखों को शांत बन्द कर लें 10 बार गहरी श्वाश लें तथा मन को शांत करते हुये आसन के लिये उसे तैयार करें ।अब दोने पैरों को 90 डिग्री पर उठा दें ।दोनों हांथों को नितम्ब व हिप पर ले जाकर हांथों की सहायता से ऊपरी धड को उठा दें ।किन्तु ध्यान रखें सर्वागं आसन की तरह नही होना चाहिये ।इसमे धड को 45 डिग्री पर ही किये रखना है ।
इस आसन को ऊपर ले जाते तथा नीचे ले आते समय स्वांश को अन्दर रोक लेना चाहिये
ऊपर उठी हुई अवस्था मे श्वाश का सामान्य अनुभव करे किन्तु उज्जाई प्राणायाम के साथ । श्वाश की अनुभूति गले पर ही होनी चाहिये ।यह योग उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर या हर्ट से संबंधित, स्पोंडलाइटिस और स्लिप-डिस्क की शिकायत है।
इस आसन को ऊपर ले जाते तथा नीचे ले आते समय स्वांश को अन्दर रोक लेना चाहिये
ऊपर उठी हुई अवस्था मे श्वाश का सामान्य अनुभव करे किन्तु उज्जाई प्राणायाम के साथ । श्वाश की अनुभूति गले पर ही होनी चाहिये ।यह योग उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर या हर्ट से संबंधित, स्पोंडलाइटिस और स्लिप-डिस्क की शिकायत है।
मत्स्यासन व हलासन
मत्स्यासन में पीठ के बल सीधा जमीन पर लेट जाएं फिर अपने पैरों को आपस में जोड़ लें। अब दोनों हाथों को गर्दन की पास रखें और हथेलियों का सहारा लेते हुए गर्दन को उठाने का प्रयास करें। अब दोनों हाथों को जांघ पर रखें। वापस आते समय दोनों हथेलियों के सहारे गर्दन को दोबारा उसी स्थिति में वापस ले आएं। हलासन में पीठ के बल लेट कर अपने पैरों को मिला लें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं और पैरों को 30, 60 और 90 डिग्री के कोण पर लाकर रोकें। अब दोनों हाथों पर जोर देकर पैरों को सिर की ओर थोड़ा सा झुकाएं। जब पैर जमीन को स्पर्श करने लगे, तो दोनों हथेलियों को क्रॉस करके बांधे और सिर पर रखें।यह योग उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जिन्हें उच्च रक्तचाप या हर्ट से संबंधित, चक्कर आना,कमर दर्द,गर्दन में दर्द ,हड्डी में क्षय रोग,गर्भावस्था की शिकायत है।
ब्रह्ममुद्रा व नाड़ीशोधन प्राणायाम
ब्रह्ममुद्रा आसन के लिए वज्रासन में या अपनी कमर सीधी करके बैठें और गर्दन को 10-15 बार ऊपर-नीचे, और फिर दाऍ-बाऍ करें। और इतनी ही बार क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं। नाड़ीशोधन प्राणायाम में कमर और गर्दन सीधी करके बैठें और फिर एक नाक से धीरे-धीरे लंबी और गहरी सांस लेकर दूसरे नाक से निकालें। यही क्रिया फिर दूसरी नाक से भी करें। इस कम से कम 10 बार दुहराएं।
यह सब आसन थायराइड को दूर करने के लिए है पर आप इस बात का ध्यान रखें कि इन आसनों को किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
यह सब आसन थायराइड को दूर करने के लिए है पर आप इस बात का ध्यान रखें कि इन आसनों को किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
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