ॐ, नमस्कार, प्रणाम, सतश्रीअकाल जी,
आपका विबुधः टेबलायड में पुनः स्वागत है। उम्मीद है आप विबुधः द्वारा टेबलॉयड सर्विस का पूर्णतः फायदा ले रहे होंगे। पिछले दिनों आपने पढ़ा कैसे कोल्ड ड्रिंक हमारे लिये ज़हर है और कैसे यह हमारे देश को लूट रहे हैं, उसी सन्दर्भ में आज मैं आगे लिखने जा रही हूँ चाय का सत्य।
चाय जो हम प्रतिदिन पीने के आदत लिए बैठें हैं यह असल में न तो हमारी जरूरत थी न ही यह भारतीय है। तो पहले कुछ भातें भारत के वैज्ञानिक इतिहास पर।
भारत में वर्षों से उष्णता एवं स्वास्थ्य के लिए उष्ण पिए के रूप में इस्तेमाल होता आ रहा हमारा क्वाथ, एवं शाकाहारी शोरबा बहुत प्रचलित रहा है। कुछ लोग इसको स्वास्थ्य के लिए ग्रहण करते हैं तो कुछ स्वाद के लिए। यह दोनों हमारे आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। जो स्वास्थ्य रहने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत उत्तम कार्य करते हैं। तो यह है भारतीय उष्ण पिए। तो अब बात करते हैं भारत में बाहर भाव विदेशी प्रणाली के थोपे उष्ण पिए। यह है चाय जी आपकी आज की चाय और कॉफ़ी।
चाय में ब्लैक टी, ग्रीन टी, मिल्क टी भी शामिल हैं और कॉफ़ी में सभी प्रकार की कॉफ़ी। धयान दें इसमें आयुर्वेदिक उत्पाद अदरक क्वाथ, नीबू क्वाथ आदि का ज़िक्र नहीं हो रहा आज कल लोग उनको भी चाय की पत्तियों में उबालने से उसे भी चाय बना लेते हैं।
चलिये अब हम चलते हैं चाय की घेहराइयों में सर्वप्रथम इसका सेवन, इसका उत्पाद, इसका भारत में उत्पाद का कारण जानते हैं।
यह बात है भारत के गुलामी के समय की, भाव जब भारत में अंग्रेजों की दासता में भारतीय थे। चाय वास्तव में अंग्रेजों का उष्ण पिय है वो इस लिए कियोंकि चाय में पाए जाने वाले तत्व से अंग्रेजों को शारीरिक लाभ होता था। जी आपने सही सुना चाय से अंग्रेजों को लाभ होता था वो इस लिए कियोंकि अंग्रेज ठन्डे क्षेत्र के रहने वाले थे जिस वजह से अधिकाँश अंग्रेजों को निम्नरक्तचाप का रोग ग्रसित होता था। तो वो अपने रक्तचाप को चाय के सेवन से सही रखते थे।
अब आप यह सोच रहे होंगें कि अगर यह उनके लिए हितकारी थी तो भारतियों के लिए ज़हर कैसे? तो आपको बता देती हूँ कि भारतीयों का रहन सहन इतना उत्तम है और वातावरण इतना अच्छा कि हमे इसकी जरूरत नहीं अगर किसी को निम्नरक्तचाप का रोग होता भी है तो वो क्वाथ का सेवन कर स्वस्थ्य हो सकता है एवं योग करके इसको पूर्णता समाप्त कर सकता है। जिससे चाय के विषैले तत्वों से बचा जा सकता है।
चाय के बारे में विस्तार से कुप्रभावों सहित
- चाय में पाया जाता है एलुमिनियम
एलुमिनियम जो अल्झाइमर रोग कर सकता है - ब्लैक चाय आयरन के अवशोषण को रोकती है जिससे अनेमिया होने का खतरा बढ़ जाता है
- यही नहीं चाय में पाया जाता है फ्लोराइड जिसके ज्यादा सेवन से ओस्टोफ्लोरोसिस हो सकता है और फ्रैक्चर भी हो सकते हैं।
- चाय में पाया जाने वाला ऑक्सालेट किडनी स्टोन बनाने में मुखय कारण बनता है यही किडनी फेलियर का कारण भी बनता है।
- चाय के अन्दर थेयानाइन एंड कैफीन दो और ज़हर पाए जाते हैं
कैफीन:-
शारीरिक नुक्सान
- इसके ज्यादा इस्तेमाल से जीर्ण कोशिश्का कठोरता होने लग जाती है, यही नहीं यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गतिशीलता तथा गैस्ट्रिक एसिड को पढ़ा देती है। स्त्रियों में रजोनिवृत्ति के समय कैफीन लेना हड्डियों का खुरना शुरू करता है।
- मानसिक कुप्रभाव
कैफीन क्रोध, चिंता एवं तनाव में नकरात्मक प्रभाव डालता है - गर्म चाय एसोफगेअल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है
चाय पौरुष ग्रंथि कैंसर को बढ़ावा देती है
चाय पर हुए समय समय पर अनुंसन्धान बताते हैं इस प्रकार
मूत्रवर्धक
जी हां, यह अक्सर यूरीन के साथ आपके शरीर को तरल पदार्थ से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। जब आप अपने पेय के रूप में चाय, कॉफी या सोडा लेते हैं तो आपको हर थोड़ी देर के बाद टॉयलेट जाने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर से इतना ज्यायदा तरल पदार्थ निकलने से आपको निर्जलीकरण की समस्यास हो सकती है।कैफीन के मूत्रवर्धक प्रभाव कुछ लोगों में मतली पैदा कर सकता है। बहुत ज्यादा कैफीन पीने के बाद कुछ लोग उल्टी करने लगते हैं, लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ लक्षण है। हालांकि, मतली की भावना आम है।
हार्ट रेट का बढ़ना
कैफीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है, जिसके कारण दिल पर अधिक दबाव पड़ता है। इस अतिरिक्त कार्य को समायोजित करने के लिए, हार्ट रेट विशेष रूप से तेज हो जाता है। इसलिए दिल की समस्याि या अनियमित धड़कन से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।आपने अक्स र देखा होगा कि लोग परीक्षा या किसी मीटिंग की तैयारी के लिए रात को पढ़ने के लिए कॉफी का इस्तेिमाल करते हैं। और क्योंम नहीं करना चाहिए, यह आपको जागने और सतर्क रहने में मदद करती है। लेकिन इस बात से भी आपको आश्चर्य नहीं होना चाहिए, बहुत ज्याचदा कॉफी पीने से आपके सोने के तरीके में हस्तखक्षेप हो सकता है। इसलिए सोने से पहले कैफीन का सेवन अच्छा् नहीं होता है।
विकास मे बाधा
दूध, जूस और पानी जैसे स्वनस्थ पेय के स्थाइन पर बहुत ज्याकदा कैफीन लेने वाले बच्चोंी को वृद्धि और विकास के लिए उचित मात्रा में पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। इसके अतिरिक्त, कैफीन बच्चेै की भूख को कम करता है और ऐसा होने पर वह आहार से पर्याप्त पोषण नहीं ले पाते।बहुत अधिक मात्रा में तो लोग ज्यानदा कैफीन पीने के बाद शरीर में कंपन या तनाव का अनुभव करते हैं। ऐसा तंत्रिका तंत्र पर अधिक उत्तेजना के कारण होता है।जो लोग शरीर पर कैफीन के प्रभाव को सहन करने में असमर्थ होते है, उन लोगों में यह चिंता का कारण बन सकता है। और कुछ मामलों में ऐसे लोगों अवसाद के लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
सिरदर्द की शिकायत
दैनिक कैफीन का प्रयोग अधिक से अधिक 500 से 600 मिलीग्राम एक दिन ( या कॉफी के बारे में छह से आठ कप) के रूप में परिभाषित किया गया है। कैफीन थकान या उनींदापन से अल्पकालिक राहत प्रदान करता है। लेकिन बहुत ज्यादा कैफीन के सेवन से कुछ प्रतिकूल दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हर कोई कैफीन के ज्याकदा सेवन से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में उत्तेजना की वृद्धि को सहन नहीं कर पाता। बहुत ज्यादा कैफीन, मस्तिष्क पर उत्तेजक प्रभाव के कारण सिर दर्द का कारण हो सकता है। दर्द की तीव्रता भिन्न होने के कारण यह अन्य चिकित्सा समस्याओं के साथ भ्रमित कर सकता है। माइग्रेन के साथ लोगों को विशेष रूप से कैफीन के सेवन से बचना चाहिए।
बोन मास डेंसिटी कम होना
कैफीन आपके रक्तचाप को बढ़ता है। हालांकि यह प्रभाव अस्थायी होता है, लेकिन अगर आप बहुत अधिक मात्रा में कॉफी पीते हैं, तो यह स्थायी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। आप अपने कान और सिर दर्द में बस अनुभव से बढ़ते हुए रक्तचाप के प्रभाव को महसूस कर सकते हैं। अगर आप इन समस्याओं से पीडि़त है तो आपको अवश्कत रूपव से कॉफी को छोड़ने के बारे में सोचना चाहिए।एक साल तक एक दिन में तीन कप कॉफी से अधिक पीना बोन मास डेंसिटी को कम करता है। इसका मतलब आप ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के उच्च जोखिम पर हैं। ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी से महिलाएं कमजोर हड्डियों के कारण पीड़ित होती है।
Bad/Side Effects of Tea on Health
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Hot tea may increase the risk of esophageal cancer.
A 2008 study showed that drinking tea that is too hot may increase your risk of developing esophageal cancer.
The study examined regular drinkers of black tea. Those who drank their tea hot (65-69°C/149-156°F) or very hot (over 70°C/158°) were more likely to develop esophageal cancer.
It further found that those who drank their tea within 3 minutes of pouring had a greater cancer risk than those who allowed their tea to cool for 4 or more minutes prior to drinking. - Tea may cause osteofluorosis.
There are cases of people who have damaged their bones by drinking too much tea.
A case published in the New England Journal of Medicine details a 47-year-old woman who developed brittle bones and lost all of her teeth from drinking too much tea. Every day, she drank tea made from 100-150 tea bags, giving her a daily fluoride consumption > 20mg.
Older tea leaves tend to contain more flouride than younger leaves, thus younger leaves may have a smaller risk. - Tea may increase the risk of prostate cancer.
Research from the University of Glasgow linked heavy tea drinking with an increased risk of developing prostate cancer.
The research indicated that men who drank seven or more cups of tea a day had a 50% higher risk of prostate cancer than those who drank little to no tea (0 to 3 cups daily). Drinking 4-6 cups a day didn’t significantly increase the risk over drinking 0-3 cups daily.
Note: A link doesn’t mean that tea causes prostrate cancer. Other factors may have contributed to the results, including age, diet, stress, family history, etc. - Tea may have negative caffeine side effects.
Tea naturally contains caffeine. While the benefits of caffeine include increased energy and alertness, if you consume too much or are sensitive to caffeine, you may experience some negative side effects.
Common negative caffeine side effects include difficulty sleeping, increased heart rate, depression, anxiety, panic attacks, and more.
Remember that caffeine can be addictive. If you reduce it or eliminate it completely, you may experience withdrawal symptoms, such as headaches, irritability, and nausea.
उमीद करती हूँ आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो और अगर आई तो कमेंट करना तथा शेयर करना न भूलें। तथा ज्यादा से ज्यादा भाई बहनों को यह बता कर चाय के सेवन बंद करने की विनती करें। आपका सहयोग ही उत्तम भारत की पुंहः शुरुआत करेगा।
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Author:- Pooja Pushkarna (Yogachrya)
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