कब्ज को जाने और इसके लक्षण पहचाने

by October 19, 2015 0 comments


कब्ज रोग का लक्षण रोगी को शौच साफ़ नहीं होता है, मल सूखा और कम मात्रा में निकलता है। मल कुंथन करने या घण्टों बैठे रहने पर निकलता है।

कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को रोजाना मलत्याग नहीं होता है। कब्ज रोग से पीड़ित रोगी जब मल का त्याग करता है तो उसे बहुत अधिक परेशानी होती है।

कभी-कभी मल में गांठे बनने लगती है। जब रोगी मलत्याग कर लेता है तो उसे थोड़ा हल्कापन महसूस होता है। कब्ज रोग से पीड़ित रोगी के पेट में गैस अधिक बनती है।

पीड़ित रोगी जब गैस छोड़ता है तो उसमें बहुत तेज बदबू आती है। कब्ज रोग से पीड़ित रोगी की जीभ सफेद तथा मटमैली हो जाती है। जीभ मलावृत रहती है तथा मुँह का स्वाद ख़राब हो जाता है। कभी कभी मुँह से दुर्गन्ध आती है।

रोगी व्यक्ति के आंखों के नीचे कालापन हो जाता है तथा रोगी का जी मिचलता रहता है। रोगी की भूख मर जाती है, पेट भारी रहता है एवं मीठा मीठा दर्द बना रहता है, शरीर तथा सिर भारी रहता है।

सिर तथा कमर में दर्द रहता है, शरीर में आलस्य एवं सुस्ती, चिड़चिड़ापन तथा मानसिक तनाव सम्बन्धी लक्षण भी मिलते हैं। बहुत दिनों तक मलावरोध की शिकायत रहने से रोगी को बवासीर इत्यादि रोग भी हो जाता हैं।

कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को कई प्रकार के और भी रोग हो जाते हैं जैसे - पेट में सूजन हो जाना, मुंहासे निकलना, मुंह के छाले, अम्लता, गठिया, आंखों का मोतियाबिन्द तथा उच्च रक्तचाप आदि।

इन लक्षणों के अतिरिक्त मलावरोध के सम्बन्ध में कुछ प्राचीन बातें भी प्रचलन में है। जैसे मस्तिष्क तथा नाड़ी मण्डल में अवसाद रहता है, मानसिक तथा शारिरिक कार्य शक्ति घट जाती है अर्थात उसमें स्वाभाविक स्फूर्ति नहीं रहती है।

रक्त पर इसका दुष्प्रभाव होने से रक्त दाब बढ जाता है। पाण्डुता नामक रोग होने से शरीर का रंग फीका पड़ जाता है। आँतों में गैस बनने से रोगी को अनिद्रा की भी शिकायत हो जाती है।

आँतों में अधिक समय तक मल रुका रहने से अर्श रोग हो जाता है। यदि कोष्ठबद्धता किसी अन्य रोग विशेष के कारण नहीं है तो जीवन शैली में थोड़ा सा परिवर्तन करके बचाव की पद्धति अपनाई जा सकती है। इसके विपरीत यदि मलावरोध का कारण कोई अन्य बीमारी है तो सर्वप्रथम उस मूल बीमारी का उपचार कराना चाहिए। कब्ज होने के कारण खान-पीने में असावधानी --

कब्ज व्यक्तियों में ग़लत खान-पान के कारण उत्पन्न होता है। भोजन में ऐसे पदार्थों का प्रयोग करना जिन्हे पाचनतंत्र आसानी से नहीं पचा पाता जिससे आंत से मल पूर्ण रूप से साफ़ नहीं हो पाता और अन्दर ही सड़ने लगता है।

अधिक मिर्च-मसालेदार तथा गरिष्ठ भोजन करने से भी कब्ज बनता है। अधिकतर व्यक्तियों में कब्ज के ऐसे लक्षण होते हैं जिसमें आंतों की अपने-आप क्रियाशीलता तथा कब्ज के रचनात्मक असामान्यताओं की कमियों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिदिन भोजन में प्रयोग किये जाने वाले पदार्थो की जांच से पता चला है कि व्यक्ति अपने भोजन में रेशेदार व तरल पदार्थो का प्रयोग नहीं करते, जिससे मिलने वाली प्रोटीन व विटामिन लोगों को नहीं मिल पाता और जिससे कब्ज उत्पन्न होता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन 10 से 12 ग्राम रेशेदार शाक-सब्जियां तथा 1 से 2 गिलास तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही खाने के बाद या किसी भी समय मल त्याग करने का अनुभव हो तो आलस्य के कारण उसे टालना नहीं चाहिए, बल्कि मलत्याग की इच्छा होने पर मल त्याग जरुर करें। संरचनात्मक असामान्यताएं --

आंतों में उत्पन्न घाव आदि के कारण मल त्याग के मार्ग में रूकावट उत्पन्न होती है, जिससे मल त्यागते समय ज़ोर लगाने से दर्द उत्पन्न होता है। दर्द के कारण मल का त्याग न करने से मल आंतों में सड़कर कब्ज पैदा करता है। व्यवस्थाग्रस्त बीमारी --

आंत्रिक नली की तंत्रिकाओं की कुप्रणाली, पेशियों की ख़राबी, इंडोक्राइन विसंगतियों तथा विद्युत अपघट्य की असामान्यतायें आदि उत्पन्न होकर आंतों में कब्ज बनाते हैं। मनुष्य की पाचन क्रिया मन्द पड़ना, कम मात्रा में मल आना, सुबह के समय में मल करने में आलस्य करना, कम मात्रा में भोजन करने से मल न बनना, भूख न लगना आदि कारणों से यह रोग मनुष्य को हो जाता है। मल तथा पेशाब के वेग को रोकने, व्यायाम तथा शारीरिक श्रम न करने के कारण, घर में बैठे रहना, शैयया पर बहुत समय तक विश्राम करना, शरीर में ख़ून की कमी तथा अधिक सोने के कारण भी कब्ज रोग हो जाता है।

मल त्याग की प्रेरणा की अवहेलना करने से मलाशय में मल के आ जाने पर भी मल त्याग के लिए नहि जाना। इससे धीरे धीरे मालाशय में मल के प्रवेश से उत्पन्न होने वाली संवेदना या बेचैनी की प्रतीत उत्तरोत्तर हल्की पड़ती है जिससे मलाशय में मल जमा होकर खुश्क हो जाता है। महिलाओं में गर्भावस्था के कारण। चिन्ता, भय, शोक इत्यादि उद्दीपनों के कारण।

Vibudhah

Writers:- Rajan Pushkarna, Viney Pushkarna, Pooja Pushkarna, Vibudhah Office

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