ये तो सभी जानते हैं कि अधिकतर पुरुष पोर्न फिल्में देखना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ पुरुष ऐसे भी होते हैं जो रोजाना इंटरनेट पर पोर्न सामग्री देखना पसंद करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं पोर्न के एडिक्ट होने वाले पुरुषों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जी हां, एक सर्वें में इस बात का खुलासा हुआ है कि पोर्न फिल्में देखने के आदी पुरुषों पर मानसिक और शारीरिक प्रभाव पड़ता है।
सर्वे के मुताबिक, ऑनलाइन अश्लील और पोर्न सामग्री देखने वाले पुरुषों पर मानसिक प्रभाव तो पड़ता ही है साथ ही बेड पर उनकी परफॉर्मेंस पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सर्वें में पाया गया कि बहुत अधिक पोर्न देखने वाले जवान पुरुषों के अधिक उत्तेजित हो जाने के कारण उनकी सामान्य सेक्सुअल एक्टिविटी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आमतौर पर पोर्न के आदी पुरुषों को सामान्य रूप से उत्तेजित होने में भी समस्या होने लगती है। दरअसल, अधिक पोर्न देखने से होने वाली अधिक उत्तेजना के कारण दिमाग के सेंटर में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर कमजोर पड़ जाता है।
ऐसे में पैरडाक्सिकल का प्रभाव अधिक हो जाता है जिससे दिमाग सामान्य लेवल पर भी प्रतिक्रियाएं देना बंद कर देता है।
दरअसल, मस्तिष्क का डोपामाइन एक उच्च स्पाइक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पोर्न अधिक देखने से डोपामाइन सामान्य प्रतिक्रिया करने की अपनी क्षमता को खो देता है, जिससे व्यक्ति की सेक्सुअल एक्टिविटीज को ब्रेन समझने में नाकामयाब होने लगता है।
इस सर्वें में एक रियल केस को भी शामिल किया गया जिसमें अभिनव वर्मा (बदला हुआ नाम) एक आईटी प्रोफेशनल था जो बुरी तरह से पोर्न फिल्में देखने का आदी था।
अभिनव पोर्न का इतना आदी हो गया था कि उसे वैराइटी में पोर्न फिल्में पसंद आती थी और शादी के बाद पत्नी के साथ सेक्स के दौरान भी वह पोर्न फिल्में देखना पसंद करता था क्योंकि इसके बिना वो सेक्स को एन्जॉय नहीं कर पाता था। आखिरकार, अभिनव को अपनी काउंसलिंग करवानी पड़ी और अब अभिनव ठीक है।
इस मामले में प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. विनय पुष्करणा इस सर्वे को स्वीकार करते हैं। उनके मुताबिक, पोर्न सामग्री देखने और पढ़ने से बेशक रोमांच आता है। लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं कि पोर्नोग्राफी से सेक्स के दौरान रोमांस और प्लेजर कम हो जाता है। इतना ही नहीं, अधिक पोर्न देखने वाले पुरूष बेडरूम में पार्टनर के आगे असफल हो जाते हैं।
सेक्सोलॉजिस्ट धनंजय के मुताबिक, अपनी प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने भी कई ऐसे केस देखे हैं। वे कहते हैं कि पोर्न नेचुरल सेक्स नहीं है। लेकिन जब लोग उसे रीयल लाइफ में एप्लाई करते हैं तो वो सेक्स से असंतुष्ट हो जाते हैं या फिर उन एक्टिविटीज को करने में फेल हो जाते हैं।
खासतौर पर शुरूआती दिनों में ऐसा करने से सेक्सुअल रिलेशंस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा नहीं है कि पोर्न के लत के शिकार लोगों का इलाज संभव नहीं है। इसके इलाज के लिए सबसे पहले तो पोर्न सामग्री से दूरी बनानी चाहिए। दूसरा, डॉक्टर की काउंसलिंग और कुछ मेडीसिन के जरिए भी पोर्नोग्राफी की लत से बचा जा सकता है।
_____________ By Dr. Viney Pushkarna, PRANA Health
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