मुँह के छाले प्रायः पेट की गड़बड़ी से होते हैं। ज्यादा गर्म-सर्द चीज़ों को खाने से , आमाशय की गड़बड़ी , रक्त की अशुद्धि आदि से भी होते हैं। ये छाले कभी जीभ की नोक पर तो कभी पूरी जाभ पर निकलते हैं। छाले के कारण मुँह में बार बार पानी आने लगता है। इन छालों में जलन तथा दर्द होता है। होठों पर भी छाले आ जाते हैं। इनके घरेलु उपाय निम्नलिखित हैं।
भोजन के बाद सौंफ (पिसी हुई ) के पानी से कुल्ला करें। आराम मिलेगा ।
तुलसी के पत्तों का रस जीभ व दाँतो पर लगाएं। छाले ठीक होंगे।
दो चम्मच हल्दी का चूर्ण पानी में उबालकर उससे कुल्ला करें।
गुड़ चूसने से भी आराम मिलता है।
नीम की गोंद चूसने से छालों में कमी आती है।
गूलर का दूध छालों पर लगाएं।
मुलहठी के काढ़े का गरारा करने पर छाले कम होते हैं। इस काढ़े में थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं।
जामुन के मुलायम पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें।
गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर पियें।
कच्चे करेले का रस निकालकर पानी में मिलाएं , उस पानी से कुल्ला करें।
हरे पुदीने को पानी में उबालें तथा उबले पानी से (ठंडा करके) कुल्ला करें।
गाय के घी में कपूर डालकर गर्म करें। ठंडा होने पर जीभ पर लगा लें। छाले निश्चित रूप से कम होंगे।
मेथी के दानों को पानी में उबालें। उस पानी से गरारा करें। मेहंदी की पत्तिओं को चबाने से छाले ठीक होते हैं।
हरी दूब का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें। छाले कम होंगे ।
लाल दवा जीभ पर लगाने से (लार निकलने दें) छाले कम होते है।
0 comments:
Post a Comment
Thanks for Commenting.