भारतीय लड़कियाँ वक्त से पहले ही जवानी की दहलीज पर
यह बात तो सच है कि आज के युग में सबकुछ बहुत तेजी से बढ़ रहा है लेकिन आजकल भारतीय लड़कियाँ जवानी के दहलीज पर बहुत जल्दी पहुँच रही हैं और उन पर यौवन का निखार दस साल की उम्र में ही दिखाई दे रहा है। जो यौवन 12 से 13 साल की उम्र में आता था अब वह वक्त से बहुत पहले ही आ जा रहा है और यह बात केवल भारत की ही नहीं है बल्कि पूरे विश्व में यही हाल देखा जा रहा है।
एक शोध के अनुसार खान पान और रहन सहन की वजह से यह बदलाव हुआ है। लेकिन यह बात एक समस्या की ओर इशारा कर रही है जो चिंतनीय है। इस शोध के करनेवाले प्रोफेसर सुसान और जॉर्ज पैटन का कहना है कि यौवन का जल्दी आ जाना एक शारीरिक घटना है जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे भविष्य में मेंटल डिसऑर्डर (मनोविकार) जैसी गंभीर बिमारियाँ होने के भी संकेत मिलते हैं। इसी विषय से बाल विशेषज्ञ डॉ. रवी शाह भी सहमत नजर आते हैं और उनका कहना है कि हम पहले लड़कियों के मां बाप से उम्र के तेरहवें साल में लड़कियों को एमसी (मेन्स्ट्रुअल सायकल) की जानकारी देने की बात कहते थे पर इस बदलाव के कारण हम उन्हें 10 साल की उम्र में ही उनको इस तरह ज्ञान देने की बात कहते हैं।
लड़कियाँ अब समय से पहले जवान होने लगी हैं। बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड कल्चर, मीडिया की सक्रियता की वजह से समय से पहले सेक्स के प्रति जिज्ञासा आदि की वजह से लड़कियाँ आठ से नौ साल में ही किशोरावस्था में प्रवेश कर रही हैं। पहले यह आयु 12-13 वर्ष मानी जाती थी, लेकिन अब शरीर के बाहरी हिस्सों में परिवर्तन से लेकर माहवारी शुरू होने तक का समय काल घट गया है। वैसे यह घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन इस उम्र में किशोरियों को शरीर में होने वाले परिवर्तन का यदि पूरा ज्ञान रहे तो उनके मन से घबराहट या डर जाता रहेगा।
किशोरावस्था में आकार लेने लगता है स्तन व नितंब
लड़कियाँ अब समय से पहले जवान होने लगी हैं। बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड कल्चर, मीडिया की सक्रियता की वजह से समय से पहले सेक्स के प्रति जिज्ञासा आदि की वजह से लड़कियाँ आठ से नौ साल में ही किशोरावस्था में प्रवेश कर रही हैं। पहले यह आयु 12-13 वर्ष मानी जाती थी, लेकिन अब शरीर के बाहरी हिस्सों में परिवर्तन से लेकर माहवारी शुरू होने तक का समय काल घट गया है। वैसे यह घबराने वाली बात नहीं है लेकिन इस उम्र में किशोरियों को शरीर में होने वाले परिवर्तन का यदि पूरा ज्ञान रहे तो उनके मन से घबराहट या डर जाता रहेगा।
स्तन व नितंब का आकर्षक होना Teen age girls breast bumps
किशोरावस्था में प्रवेश की गवाही लड़कियों का स्तन Breast और कूल्हा Hips देने लगता है। स्तनों में उभार आना शुरू हो जाता है और कुल्हे (नितंब या बट्स) पर चर्बी आने लगती है। उसमें भारीपन झलकने लगता है और उसमें एक गोलाई आ जाती हैा ऐसी ही गोलाई किशोरी के जांघों पर भी आ जाती है। उम्र के साथ स्तन और नितंब देखने में बेहद आकर्षक होता चला जाता है। लेकिन इसके लिए मन में संशय या लज्जा पालने की जरूरत नहीं है। किसी लड़की में स्तनों का या बट्स का आकार किसी अन्य लड़की से कम हो, लेकिन यह भी सामान्य है। इससे हीनबोध पालने से बचना चाहिए।
किशारी के बाहों के बीच और नीचे जांघों के बीच योनि Vagina व उसके आसपास रोएंदार बाल आने लगते हैं। 12 वर्ष की आयु के आसपास लड़कियों में एकाएक तेज़ी से विकास होता है। यह विकास लड़कों की तुलना में लड़कियों में जल्दी शुरु होता है। अक्सर लड़कियों में इस विकास के शुरु होने के बाद मासिक धर्म की भी शुरुआत होती है।
मासिक धर्म और मुहांसे
मासिक धर्म में हर महीने यौनांग के रास्ते चार या पाँच दिन रक्तस्राव होता है। इस समय अच्छे सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना चाहिए। मासिक शुरू होने के बाद या पहले भी चेहरे पर मुहाँसे भी निकल सकते हैं। यह शरीर में के हार्मोन में होने वाले बदलाव का परिणाम है। सामान्य रूप से यह बदलाव 16 से 18 साल तक चलता रहता है। इस समय लड़कियाँ बेहद खूबसूरत, निखरी-निखरी और जवान दिखने लगती है। 18 से 20 साल में किशोरावस्था को पार कर लड़की का शरीर एक वयस्क नारी के शरीर में तब्दील हो जाता हैा मासिक धर्म 50 साल की उम्र के आसपास तक होता रहता है। उम्र के साथ मासिक के दिनों की संख्या पांच से घटकर तीन या दो दिन तक पर चली आती है।
किशोरावस्था में लड़कियों को पसीने अधिक और दुर्गंधयुक्त आते हैं। यह भी अंत:स्रावी बदलाव का परिणाम है। लड़कियों को बांह के बीच(कांख) के बालों की सफाई करनी चाहिए। वह चाहे तो जांघों के बीच यौनांग प्रदेश के बालों को भी साफ कर सकती है। माहवारी शुरू होने से पहले तो यौनांग के बाल साफ करने ही चाहिए।
यौनांग प्रदेश में जांघों के आासपास बेबी टेल्कम पाउडर लगाया जा सकता है। हां याद रखें पाउडर यौनांग के भीतरी हिस्से में किसी तरह जाने न पाए। ऐसी स्थिति में तत्काल इसे धो दें। कांख में अच्छी श्रेणी का टेल्कम पाउडर या डियोडेरेंट का उपयोग करना चाहिए।
पीरियड या माहवारी में कपड़े आदि लेने की जगह बाजार से अच्छी कंपनी का सेनेटरी पैड खरीद लें। एक पैड एक ही बार इस्तेमाल करें।
यौनांग के अंदर धोने के लिए कभी साबुन का इस्तेमाल न करें। किशोरावस्था में हमेशा सूती यानी कॉटन का ब्रा-पैंटी पहनें। सिंथेटिक ब्रा-पैंटी से त्वचा में रेशे पड़ने, खुजली और यौनांग पर दाने होने का खतरा रहता है।
लड़कियों के शरीर में होने वाले परिवर्तन और उसकी सही आयु
Breast Bud_________8-13 years
Onset of pubic hair__9-14 years
Maximal growth_____10- 4 years
Menarche__________10-14 years
Adult Breast ________12-14 years
Adult Pubic Hair_____12-14 years
Submitted By - GuruJi
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